हज लाइव:आखिर आज को दिन आ ही गया जिसका हज पर जाने वालों को बेसब्री से इन्तेज़ार था
बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी खान वारसी से सऊदी अरब से हाजी शाहबाज़ खान ने हरम से लेकर मिना तक का मंजर बताया,
भारत के सभी लोगो को हज के पाँच दिनों के अरकान हजयात्री किस तरह से अदा कर रहे हैं वो सभी को बताया जाएगा,आईए जानते हैं कि कैसा रहा मक्का से मिना तक का सफ़र 7 जिल्हज की देररात से मोअल्लिम ने हजयात्रियों की रिहाईशगाह हरम शरीफ़ के आसपास के होटलों,शीशा और अज़ीज़िया के अलावा मक्का शरीफ़ की चारो ओर से हजयात्रियों के काफ़िले निकलना शुरू हुए,तमाम हजयात्रियों ने अपने अपने कमरों से एहराम बांधकर मिना के लिये रवाना हुए अज़ीज़िया से मिना की दूरी लगभग 4 किलोमीटर हैं और हरम शरीफ़ से 7 किलोमीटर हैं सरकारी बसों और बहुत से आज़मीन मिना के लिये रवाना हो गये,सभी हजयात्रियों को मिना के खेमो में ठहरने वाले स्थान का मकतब नम्बर और पोल नम्बर पहचान के लिये दिये जिससे हजयात्रियों को अपने अपने ठहरने वाले स्थान की पहचान हो जाये,हजयात्रियों ने अपनी जरूरत का सामान साथ लिया और मिना के लिये कूच कर लिया,इसी तरह रात में बरेली इमरान शेख,मुंबई के राहत शेख,मक्का के क्लॉक टॉवर से,बरेली हज सेवा समिति के हज ट्रेनर हाजी यासीन क़ुरैशी अपनी बिल्डिंग से,जसौली के हसीन मियां वारसी ग्रीन की होटल से,आज़मनगर के मोहसिन रज़ा क़ुरैशी अज़ीज़िया से इसी तरह अपने अपने कमरों से आज़मीन एहराम बाँधकर निकलना शुरू हुए और मिना जाने लगे देखते ही देखते लाखो लोग मक्का की सड़कों पर नज़र आने लगे,जो आज़मीन काबे शरीफ़ के करीब थे उन्होंने काबा शरीफ़ को सलाम किया और हज की आसानी और क़बूलित के लिये दुआ माँगी और खान ए काबा का तवाफ़ भी किया,मिना के रास्ते भर हर लबो पर एक ही सदा लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक,लब्बैक ला शरीका लका लब्बैक,इन्नल हम्दा वन नेअमता,लकावल मुल्क़,ला शरीक़ा लक…हर सड़क पर मिलो दूर तक हजयात्रियों के काफ़िले नज़र आ रहे थे और चारो ओर से एक ही आवाज़ लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक,हर आज़मीन के चहरे पर बेशुमार ख़ुशी आँखों में आंसू,दिल में एक ही बात हम सब आज हज के फ़र्ज़ को अदा करने जा रहे हैं शुक्र ए खुदा शुक्र ए खुदा,हजयात्रियों ने 8 जिल्हज मिना में पहुँचकर बज़ु करके फ़ज़र की नमाज़ अदा की कुछ देर आराम के बाद जोहर की नमाज़ के बाद मिना के मुक़ामी जगहों की ज़ियारत की,असर मगरिब और इशा की नमाज़ अदा की रातभर इबादत के बाद फ़ज़र कि नमाज़ अदा करने के बाद आज़मीने हज अराफ़ात के मैदान के लिये रवाना होंगे……