एनएचएआई की ओर से टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर परियोजना के तीसरे चरण के लिए रोड शो का आयोजन

566 किलोमीटर के नौ विस्‍तार मुद्रीकृत किए जाएंगे

एनएचएआई के अध्‍यक्ष श्री नरेन्‍द्र नाथ सिन्‍हासंभावित बोलीकर्ताओं के लिए नई दिल्ली में आज टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर परियोजना के तीसरे चरण के लिए रोडशो के अवसर पर संबोधित करते हुए।

भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने आज नई दिल्‍ली में भावी बोलीकर्ताओं के लिए टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर परियोजना के तीसरे चरण हेतु रोड शो का आयोजन किया। टीओटी बंडल-3 में  उत्‍तर प्रदेश, बिहार, झारखण्‍ड और तमिलनाडु में लगभग 566 किलोमीटर की कुल लम्‍बाई वाले नौ विस्‍तार शामिल हैं। यह चरण शुरूआत में लगभग 400 करोड़ रुपये का पूंजीगत कार्य अधिदेशित था, जो बंडल-1 और बंडल-2 से कम है, जिससे निवेशकों की काफी बचत होगी। इस लम्‍बाई का लगभग 43 प्रतिशत भाग लगभग 8-20 वर्ष के लिए वार्षिक वृत्ति के अधीन है, जो कम से कम एक प्रमुख अनुरक्षण चक्र की बचत का मार्ग प्रशस्‍त करेगी।

एनएच 25 और 26 पर उत्तर प्रदेश के झाँसी को ललितपुर से जोड़ने वाले विस्‍तार 1 और 2 की कुल लंबाई 99 किलोमीटर से अधिक है। एनएच 24 बी पर उत्तर प्रदेश में लखनऊ को रायबरेली से जोड़ने वाले विस्‍तार-3 की लम्‍बाई 70 किलोमीटर है। एनएच 28 पर बिहार के कोटवा को मुजफ्फरपुर से जोड़ने वाले विस्‍तार-4 की लंबाई 80 किलोमीटर है। एनएच 33 पर झारखंड में हजारीबाग को रांची से जोड़ने वाले विस्‍तार-5 की लंबाई लगभग 74 किमी है। एनएच पर तमिलनाडु मदुरई को कन्याकुमारी से जोड़ने वाले विस्‍तार-6,7, 8 और 9 की लम्‍बाई 243 किमी है।

एनएचएआई के अध्यक्ष श्री नरेंद्र नाथ सिन्हा ने इस अवसर पर कहा, सरकार ने 2014 से राजमार्ग क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की दिशा में पहल की है। देश में सड़कों और राजमार्गों के विकास के लिए केंद्रीय बजट में परिवहन क्षेत्र को 83,000 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ परिव्यय आवंटित किया गया है। महत्वाकांक्षी योजनाओं को पूरा करने के लिए धन की शेष आवश्यकताओं को निजी क्षेत्र के निवेशों के माध्यम से प्रबंधित किया जा रहा है।

श्री सिन्हा ने कहा कि आने वाले महीनों में कई और बंडल पेश किए जाएंगे। उन्होंने टीओटी जोखिम-मुक्त मॉडल करार देते हुए निजी निवेशकों से इन बंडलों के लिए बोली लगाने का आह्वान किया। उन्होंने निवेशकों को ढांचागत क्षेत्र के लिए और अधिक अभिनव निवेश मॉडल प्रस्‍तुत करने के लिए आमंत्रित किया। निवेशकों से गुणात्मक सुधार लाने का अनुरोध करते हुए उन्होंने रियायतकर्ताओं को सड़क सुरक्षा में सुधार, रखरखाव की गुणवत्ता और टोल संग्रह के तरीकों में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया ताकि टोल प्लाजा पर लगने वाले प्रतीक्षा समय में पर्याप्‍त कमी लाई जा सके।

टोल ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल के तहत लगभग 6400 किमी लंबाई की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की पहचान की गई है। 2018 में लगभग 681 किलोमीटर सड़कों की नौ परियोजनाओं का पहला बंडल आंध्र प्रदेश और गुजरात में प्रदान किया गया था। इसमें विदेशी निवेशकों द्वारा काफी दिलचस्‍पी दिखाई गई। टीओटी 9,681करोड़ रुपये का बंडल-I को लिए मैक्वेरी को प्रदान किया गया, जो प्राधिकरण के अनुमान का 1.5 गुना था। पिछले साल प्रस्‍तु‍त किए गए 586 किलोमीटर से अधिक लम्‍बाई के दूसरे बंडल का फैलाव चार राज्यों – राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल और बिहार में है, जिनमें चार राजमार्गों पर 12 टोल प्लाजा है। टीओटी बंडल -3 के लिए बोली 11 सितंबर, 2019 की नियत तारीख के साथ आमंत्रित की गई है।

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