धूमधाम से मनाया बचपन दिवस, गाये गए मंगल गीत !

आलमपुर जाफराबाद(भमोरा) के गांव कैमुआ में आंगनवाड़ी केन्द्र पर बचपन दिवस का आयोजन किया गया। बचपन दिवस में दो बच्चों का जन्मदिवस मनाय गया। कुशारा, सुमित बचपन दिवस के अवसर पर उपस्थित माताओं एवं अभिभावकों की माता व बच्चों के खानपान पर चर्चा की गई। जिससे मां एवं बच्चा दोनों कुपोषण मुक्त एवं स्वस्थ्य रहें।

आंगनवाड़ी अंजली शाक्य द्वारा बताया गया कि धाती मातायें एवं बच्चों को सात खाद्य समूह अवश्य खाने चाहिये। स्थानीय साग सब्जियों द्वारा नये-नये व्यंजन बनाकर बच्चों के खिलाफ चाहिए जैसे अनाज एवं कन्दमूल से बनी चीजें, दैनिक कार्यों की करन के लिये ऊर्जा एवं शक्ति प्राप्त होती है। दूध एवं दूग्ध पदार्थ से मानसिक विकास तेजी से होता है हड्डियाएं भी मजबूत होती है, मांसाहारी भोजन से मास पेशियां मजबूत होती है, पीले रंगे के फल व सब्जियों खाने से मानसिक विकास तेजी से होता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, रतौंधी से बचाव होता है, हरी पत्तीदार सब्जी से खून की वृद्धि होती है एवं बीमारियों से बचाव होता है, अंडा खाने से हड्डियां मजबूत होती है। टीएसयू से पोषण सखी नेहा मिश्रा ने बताया कि हर उम्र के बच्चे के लिये अलग-अलग मात्रा में खाना देना चाहिए। छह से आठ माह बच्चे के लिये २५० ग्राम की आधी कटोरी, नौ से ११ माह के लिये २५० गम की आधी कटोरी दिन में तीन बार, बारह से २३ माह के बच्चे के लिये २५० ग्राम की पूरी कटोरी दिन में तीन बार देनी चाहिए। छह माह के बाद पूरक आहार देना आवश्यक होता है क्योंकि छह माह के बाद बच्चा खेलने लगाता है बैठन लगता है, तथा उसके दांत निकलने लगते है, इसलिये उसे ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है, अगर बच्चे को छह माह के बाद पूरक आहार नहीं दिया तो बच्चा कुपोषित हो सकता है। आंगवाड़ी गीता उपाध्यक्ष ने कहा कि धाती महिला को अपना खानपान अच्छा रखना चाहिए, शिशु को कम से कम २० से ४० मिनट तक स्तनपान कराना चाहिए। स्तनपान करते समय स्थिति का विरोध ध्यान रखना चाहिए। रात में ज्यादा स्तनपान कराना चाहिए। इस अवसर पर मीना, सुमित्रा, नेहा मिश्रा, किशोर कुमार, सुमन सीमा दीक्षित आदि उपस्थित रहे।

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