डीजीपी साहब!यहां आम फरियादियों के लिए बंद है एसपी साहब के दरवाजे

विधायक, नेता व प्रभावशाली लोगों को नियम से मुक्त रखा गया है
कोरोना काल में कौन दिलाएगा पीड़ितों को न्याय!
बहराइच।कोविड 19 कहर के बीच यदि आप किसी तरह के उत्पीड़न या हिंसा के शिकार हैं ,थाने स्तर पर आपको न्याय नहीं मिल पा रहा है और आपका मन पुलिस कप्तान के हुजूर में पेश होने के लिए बेताब है तो जरा ठहर जाइए।यूं मुँह  उठाकर एसपी ऑफिस चले जाने भर से ही आपको साहब के साक्षात दर्शन हो जाएंगे ऐसा फिलहाल सभी फरियादियों के लिए मुमकिन नहीं । आप सोच रहे होंगे कि पुलिस कप्तान की कुर्सी पर तो इंसाफ के देवता बैठते हैं , फिर यहां कैसी देरी ? तो आपको बता दें कि कोरोना महामारी ने ऐसे कई प्रशासनिक देवताओं को एक प्रकार से भूमिगत कर दिया है।एसपी बहराइच विपिन कुमार मिश्रा साहब कोरोना को लेकर खासे सतर्क हैं । वे जानते हैं कि प्रत्यक्ष रूप से जनता से जितना कम सरोकार रखा जाएगा कोरोना संक्रमण का खतरा भी उतना ही कम होगा । यूं तो संक्रमण से बचने के लिए 2 गज की शारीरिक दूरी पर्याप्त है पर एसपी साहब रिस्क क्यों ले ? इसलिए 2 गज की दूरी से बेहतर है कि वह प्रत्यक्ष रूप से आम जनता से दूरी बना लें।पुलिस कप्तान विपिन कुमार मिश्रा के दरबार में आम लोगों का जाना वर्जित है । विधायक नेता व प्रभावशाली लोगों को इस नियम से मुक्त रखा गया है । यह प्रतिबंध केवल आम जनता के लिए ही लगाया गया है । परंतु ऐसा भी नहीं है कि फरियादियों के लिए सारे रास्ते बंद कर दिए गए हो । विकल्प के तौर पर साहब ने कूड़ेदान के डिब्बे पर शिकायत पेटिका का लेबल लगाकर जनता के लिए समर्पित कर दिया है । किसी के अत्याचार से आहत कोई पीड़ित जब न्याय की तलाश में एसपी बिपिन कुमार मिश्रा से गुहार लगाने आता है , तो दरबार के द्वारपाल पीड़ित को उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए उसी कूड़ेदाननुमा शिकायत पेटिका में प्रार्थना पत्र डाल कर  निश्चित हो जाने का भरोसा देते हैं । आम फरियादियों में कुछ अपवाद को यदि छोड़ दें तो एसपी ऑफिस आने वाले सभी फरियादियों को इसी बर्ताव से गुजरना पड़ता है।पत्राचार का यह दुर्लभ नजारा केवल पुलिस अधीक्षक कार्यालय बहराइच में ही संभव हो सकता है जहां फरियादी अपने पुलिस कप्तान से चंद गज की दूरी पर मौजूद होने के बाद भी प्रत्यक्ष रूप से नहीं मिल सकता । एक अच्छे प्रशासक के लिए जरूरी होता है कि वह नौकरशाही के आडंबर व पाखंड से इतर आम जनता से सीधे तौर पर जुड़े रहे जिससे उन्हें समाज की सही तस्वीर देखने को मिल सकेगी । जनता का प्रशासन पर भरोसा बढ़ेगा और सरकार की छवि बेहतर होगी।बीते दिनों पड़ोसी जनपद श्रावस्ती के पुलिस मीडिया सेल द्वारा एक प्रेस नोट तस्वीर के साथ जारी किया गया जिसमें तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह कोरोना प्रोटोकाल अपनाते हुए जनता दर्शन में फरियादियों की शिकायतों का निस्तारण कर रहे थे । अनूप कुमार सिंह की वह तस्वीर है एक तरफ पुलिस के प्रति श्रावस्ती की जनता का भरोसा बढ़ा रही थी वहीं दूसरी तरफ श्रावस्ती के लापरवाह पुलिसकर्मियों को सुधरने की चेतावनी भी दे रही थी । फिलहाल मौजूदा हालात को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बहराइच के लोग जनता दर्शन के मामले में श्रावस्ती जितना भाग्यशाली नहीं है । कोरोना काल में जब बहराइच में हत्या ,लूट व बलात्कार जैसे जघन्य घटनाएं सामने आ रही हैं । अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है । उस समय फरियादियों के लिए एसपी बिपिन कुमार मिश्रा के दरवाजे यदि बंद रहेंगे तो अपराधों में कमी की उम्मीद करना बेमानी होगी । बेहतर होगा यदि पुलिस कप्तान कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु तय मानकों का पालन करते हुए आम जनता के लिए अपने दरवाजे पुनः खोल दें और फरियादियों  के जख्मों पर इंसाफ का मरहम  लगाएं । इससे जनता में सरकार और प्रशासन दोनों की छवि  सुंदर होगी । और जनता पुलिस को अपना हमदर्द समझेगी । *राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ*

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