PNB स्कैम पर CVC ने RBI को लिया आड़े हाथों, कहा, नहीं की गई प्रॉपर ऑडिटिंग
केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने PNB स्कैम मामले में RBI को ज़िम्मेदार ठहराया है। सीवीसी प्रमुख केवी चौधरी ने PNB स्कैम में जानकारी देते हुए कहा, ‘ऐसा लगता है कि जिस दौरान PNB स्कैम हुआ था उस वक़्त सेंट्रल बैंक (आरबीआई) ने कोई ऑडिट नहीं किया था। इसके साथ ही ‘चौधरी ने बैंकिंग क्षेत्र में ऑडिट सिस्टम को और अधिक मजबूत किए जाने पर बल दिया है।
13 हजार करोड़ से ज्यादा का है PNB स्कैम
सतर्कता आयुक्त ने कहा, “RBI ने एक भी ऑडिट नहीं किया।” सी.वी.सी. की देख-रेख में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के PNB स्कैम की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि RBI के पास बैंकिंग सेक्टर की रेग्युलेटरी जिम्मेदारी है लेकिन ईमानदारी में कमी के किसी भी मामले पर सेंट्रल विजिलैंस कमिशन द्वारा गौर किया जाएगा।
बता दें कि सीवीसी पंजाब नेशनल बैंक में नीरव मोदी द्वारा किए गए 13000 करोड़ रुपये के फर्ज़ीवाड़ा मामले मेंCBI जांच की निगरानी कर रही है। आगे उन्होंने कहा, ‘आरबीआई के पास सभी बैंको के नियमन की ज़िम्मेदारी होती है लेकिन अगर उनकी ईमानदारी में कहीं कमी आती है तो उसकी जांच सीवीसी द्वारा की जाती है।’ इसलिए ऑडिटिंग सिस्टम मजबूत किया जाना बेहद जरूरी है ।
RBI ने ‘जोखिम आधारित’ ऑडिट व्यवस्था को अपनाया
चौधरी ने कहा, ‘RBI के मुताबिक़ उन्होंने तब तक समय-समय पर ऑडिट करने के बजाए ‘रिस्क आधारित’ ऑडिट करने लगे थे यानि की वित्तीय जोखिम की स्थिति में ही ऑडिट कराई जाती थी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘ज़ोखिम निर्धारित करने के लिए RBI के पास कुछ पैरामीटर होने चाहिए थे और उस आधार पर ऑडिट कराई जानी चाहिए। लेकिन जिस वक़्त पीएनबी में फर्ज़ीवाड़ा की घटना हुई थी उस वक़्त RBI ने कोई ऑडिट नहीं कराई।’
बैंक की होती है जिम्मेदारी
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने धोखाधड़ी का पता लगाने में विफल रहने को लेकर नियामकों की आलोचना करते हुए फरवरी में कहा था कि राजनेताओं के विपरीत भारतीय प्रणाली में नियामकों की कोई जवाबदेही नहीं है। चौधरी ने कहा कि एक नियामक के रूप में आर.बी.आई. सामान्य दिशा-निर्देश जारी करता है और वह भी तब जब विदेशी मुद्रा शामिल हो। उन्होंने कहा, “वे एक शाखा से दूसरी शाखा तथा एक बैंक से दूसरे बैंकों में नहीं जाते जबकि उनसे इस काम की अपेक्षा है।” चौधरी ने कहा कि यह सुनुश्चित करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से बैंकों की है कि कामकाज उपयुक्त तरीके और बेहतर रूप से हो। उन्होंने कहा कि जब कुछ गलत होता है, कोई हर किसी पर आरोप नहीं लगा सकता।