कांग्रेस के सिंहदेव, निकले 500 करोड़ के मालिक

1057 उम्मीदवारों में से 130 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. दूसरे चरण की 17 विधानसभा में तीन या इससे ज्यादा उम्मीदवारों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में अमीर और गरीब उम्मीदवारों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है. तमाम उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग के पास अपनी संपत्ति का ब्योरा पेश किया है. अंबिकापुर से कांग्रेस उम्मीदवार टीएस सिंहदेव के पास 500 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है, तो रायपुर दक्षिण से निर्दलीय उम्मीदवार रुबिना अंजुम के पास सिर्फ 104 रुपए है और कोई अचल संपत्ति नहीं है.

पहले नंबर पर सबसे ज्यादा संपत्ति के मालिक कांग्रेस के अंबिकापुर से उम्मीदवार टीएस सिहंदेव, दूसरे नंबर पर राजिम से उम्मीदवार अमितेश शुक्ला और तीसरा सबसे अमीर कवर्धा से निर्दलीय कीर्तिदेव सिंह हैं. अमितेश की घोषित संपत्ति 74 करोड़ और कीर्तिदेवी की 54 करोड़ है. कीर्तिदेवी कवर्धा राजपरिवार के योगेश्वर राज सिंह की पत्नी हैं और कांग्रेस से बागी होकर चुनाव मैदान में हैं. खास बात यह है कि 1057 उम्मीदवारों में से 19 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है. इसमें रायपुर दक्षिण से निर्दलीय नसीम अंसारी के पास 500 रुपए और बिलासपुर से निर्दलीय राधेश्याम शर्मा के पास सिर्फ 1000 रुपए है.

चुनाव मैदान में 23 फीसदी करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं. कांग्रेस के 74 फीसदी, बीजेपी के 85 फीसदी, जकांछ के 76 फीसदी, बसपा के 48 फीसदी और आप के 20 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. उम्मीदवारों की घोषित संपत्ति में पांच करोड़ से ज्यादा वाले सात फीसदी, दो करोड़ से पांच करोड़ वाले सात फीसदी, 50 लाख से दो करोड़ वाले 19 फीसदी, दस लाख से 50 लाख वाले 25 फीसदी और दस लाख से कम संपत्ति वाले 42 फीसदी उम्मीदवार हैं.

सबसे अधिक देनदारी के मामले में अव्वल नंबर पर बीजेपी के तीन उम्मीदवार हैं. सबसे अधिक छह करोड़ की देनदारी कोरबा से उम्मीदवार विकास महतो की है. वहीं दूसरे नंबर पर प्रतापपुर से उम्मीदवार रामसेवक पैकरा और तीसरे नंबर पर महासमुंद से उम्मीदवार पूनम चंद्राकर हैं. पैकरा पर छह करोड़ और पूनम पर पांच करोड़ से ज्यादा का कर्ज है. 21 उम्मीदवारों ने अपनी देनदारी एक करोड़ से ज्यादा घोषित की है.

चुनाव मैदान में उतरने 57 फीसदी उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता पांचवीं, आठवीं और 12वीं पास है. 36 फीसदी स्नातक और 3 फीसदी सिर्फ साक्षर हैं. शपथ पत्र में नौ उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता असाक्षर घोषित की है और पांच उम्मीदवारों ने घोषित नहीं की है.

विधानसभा चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे 130 यानी 12 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें नौ फीसदी पर रिश्वतखोरी, हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं. आपराधिक मामलों का दलवार विश्लेषण किया गया तो पाया गया कि कांग्रेस के 25 फीसदी, बीजेपी के 8 फीसदी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के 33 फीसदी, आप के 26 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं. दूसरे चरण की 17 विधानसभा में तीन या इससे ज्यादा उम्मीदवारों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं. एक करोड़ से ज्यादा आयकर जमा करने वालों में कोरबा के विशाल केलकर, विकास महतो और बिलासपुर के अमर अग्रवाल हैं.

दूसरे चरण में 1057 उम्मीदवारों के शपथ पत्र की ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म’ (एडीआर) ने समीक्षा की. इनमें 11 फीसदी महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं. वहीं, 42 फीसदी उम्मीदवार 25-40 आयुवर्ग, 48 फीसदी 40-60 आयुवर्ग, 9 फीसदी 61-70 आयुवर्ग और एक उम्मीदवार की उम्र 80 वर्ष से अधिक है.

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