कांग्रेस का हाथ, आतंकवाद के साथ- केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अभी तक हम कहा करते थे कि ‘कांग्रेस का हाथ, भ्रष्टाचार के साथ’ लेकिन अब लोग कहेंगे कि ‘कांग्रेस का हाथ, आतंकवाद के साथ’.

इस कार्यक्रम का आयोजन अहमद पटेल ने ही कराया किया था. शुक्रवार को गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी ने मामले को लेकर कांग्रेस नेता अहमद पटेल से सफाई मांगी. वहीं, शनिवार को मुख्तार अब्बास नकवी नकवी ने सवाल दागा कि अब कांग्रेस ही बताए कि अहमद पटेल अस्पताल से जुडे़ थे या नहीं?

नकवी ने कहा कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल उस अस्पताल से जुड़े थे, जिसमें आतंकी नौकरी करते थे. अहमद पटेल ही भरूच अस्पताल के कर्ता-धर्ता थे. उन्होंने कहा कि हम राजनीति नहीं, बल्कि राष्ट्रनीति कर रहे हैं. कांग्रेस आतंकियों को संरक्षण देने के मामले में जवाब दे. कांग्रेस मामले में लीपापोती कर रही है. अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी जवाब दें.

वहीं, पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बीजेपी की ओर से अहमद पटेल का इस्तीफा मांग जाने पर हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि अहमद पटेल साल 2014 में ही अस्पताल के ट्रस्टी पद से इस्तीफा दे चुके थे. दरअसल, शुक्रवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सनसनीखेज आरोप लगाया था कि गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) की ओर गिरफ्तार आईएस आतंकी कांग्रेस नेता अहमद पटेल के संरक्षण वाले अस्पताल में नौकरी करते थे.

मामले को लेकर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अहमद पटेल से इस्तीफा मांगा. मालूम हो कि हाल ही में गुजरात एटीएस ने आईएस के दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि ये आतंकी अहमदाबाद में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे.

सीएम रूपाणी ने कहा कि खूंखार आतंकी मोहम्मद कासिम जिस भरुच अस्पताल में नौकरी करता था, उसके कर्ता-धर्ता अहमद पटेल ही हैं. हालांकि कांग्रेस ने सफाई दी कि अहमद पटेल ने यहां से साल 2014 में इस्तीफा दे दिया था. हालांकि साल 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बुलाकर अस्तपाल का उद्घाटन करवाया था.

एटीएस की पूछताछ में आतंकियों ने खुलासा किया कि उनके निशाने पर अहमदाबाद और बेंगलुरु के यहूदी धर्मस्थल थे। इन लोगों ने रेकी भी की थी। -एक साल पहले एटीएस को इनके आइएस से जुड़े होने की और जिहादी विचारधारा से प्रेरित होने के सुबूत मिले थे। यह जानकारी उबेद के 17 दिसंबर 2016 को किए फेसबुक पोस्ट से मिली थी। तब एटीएस ने अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के थाने की स्टेशन डायरी में फेसबुक पोस्ट के बारे में नोट किया था।

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