कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 – भारत के वेटलिफ्टर्स का शानदार प्रदर्शन जारी, सतीश ने दर्द को अनदेखा कर, जीता गोल्ड मेडल

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भारत के स्टार वेटलिफ्टर सतीश कुमार शिवालिंगम ने 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के तीसरे दिन एक और गोल्ड मेडल जीत लिया. सतीश ने वेटलिफ्टिंग के पुरुषों के 77 किलोग्राम भारवर्ग में देश को सोने का तमगा दिलाया. सतीश ने स्नैच में 144 का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया, तो वहीं क्लीन एंड जर्क में 173 का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया. कुल मिलाकर उनका स्कोर 317 रहा.इस इवेंट का सिल्वर मेडल इंग्लैंड के जैक ओलिवर के नाम रहा, जिन्होंने 312 का कुल स्कोर किया. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के फ्रांकोइस टुउंडी ने 305 के कुल स्कोर के साथ ब्रांज मेडल पर कब्जा जमाया ।

सिक्योरिटी गार्ड के बेटे नेकॉमनवेल्थ गेम्स में किया कमाल
25 साल के सतीश को वेटलिफ्टिंग विरासत में मिली. उनके पिता भी वेटलिफ्टर थे और उन्होंने नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल भी जीता है. पिता के पदचिह्नों पर चलकर सतीश ने वेटलिफ्टिंग को अपना करियर बनाया. खेल के शुरुआती दिनों में सतिश को ट्रेनिंग उनके पिता ने दी. जो एक यूनिवर्सिटी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे हैं और सतीश चेन्नई में रेलवे क्लर्क की नौकरी कर रहे हैं ।

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कॉमनवेल्थ खेलों में दूसरा गोल्ड मेडल

तमिलनाडु के वेल्लौर में जन्मे सतीश ने ग्लास्गो में कॉमनवेल्थ गेम्स में 77 किग्रा की केटेगरी में कुल 328 किग्रा वजन उठाकर गोल्ड मेडल हासिल किया था. इसमें से 149 किग्रा वजन स्नैच में और 179 किग्रा वजन क्लीन एंड जर्क में उठाया था. स्नैच में उनका 149 किग्रा वजन उठाना कॉमनवेल्थ खेलों में उनकी कैटेगरी का यह रिकॉर्ड बन गया. सतीश ने दो कॉमनवेल्थ खेलों में लगातर गोल्ड मेडल जीतकर अपनी अगल पहचान बनाई है. उनसे एशियन गेम्स में ऐसे ही शानदार प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी.

सतीश ने पदक वितरण समारोह के बाद कहा, ‘राष्ट्रीय चैंपियनशिप में क्लीन एवं जर्क में 194 किग्रा भार उठाने के प्रयास में मेरी जांघ में चोट लग गई थी और मुझे यहां पदक जीतने की उम्मीद नहीं थी. यह मांसपेशियों से जुड़ी समस्या है. मैं अब भी पूरी तरह फिट नहीं था, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं तब भी गोल्ड मेडल जीतने में सफल रहा.’

तमिलनाडु के इस वेटलिफ्टर ने कहा, ‘मेरी जांघ में इतना दर्द हो रहा था कि मेरे लिए बैठना भी मुश्किल था. सभी मेरा ध्यान रख रहे थे, जिससे मेरी उम्मीद बंधी. लेकिन, मैं पूरी तरह से आश्वस्त नहीं था. मैंने कड़ा अभ्यास नहीं किया था और मेरा शरीर अपनी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में नहीं था, इसलिए मैं स्वर्ण पदक की उम्मीद कैसे कर सकता था.’

कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग में स्नैच में सतीश और इंग्लैंड के सिल्वर मेडल विजेता जैक ओलिवर के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. इन दोनों ने अपने अगले प्रयास में ज्यादा वजन उठाया. ओलिवर आखिर में स्नैच में आगे रहने में सफल रहे, क्योंकि उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 145 किग्रा भार उठाया था.

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