छिपकली खाओ, मर्दानगी बढ़ाओ

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क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसी छिपकली भी है, जो मर्सिडीज और बीएमडब्ल्यू आदि लग्जरी कारों से भी ज्यादा मंहगी है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल पुरूषों में मर्दानगी बढ़ाने वाली दवाओं को बनाने में होता है। बिहार में ये दुर्लभ प्रजाति की छिपकली पाई जाती है। इस छिपकली को ‘गीको’ या ‘टोको’ कहा जाता है। बिहार में इस दुर्लभ प्रजाति की छिपकली की तस्करी का पर्दाफाश हुआ है। बिहार के किशनगंज के सीमावर्ती बंगाल क्षेत्र में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने करीब दो करोड़ की कीमत वाली दो टोको छिपकली के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है।

आपको बता दें कि SSB की 41वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट राजीव राणा के नेतृत्व में गठित टीम ने बीती शाम पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी और पानीटंकी के बीच यह कार्रवाई की। बरामद छिपकलियों को वन विभाग सौंप दिया गया है।SSB ने इस मामले में गिरफ्तार तस्कर ताराचंद उरांव और रोविन उरांव को पूछताछ के बाद नक्सलबाड़ी पुलिस के हवाले कर दिया। बताया जाता है कि तस्कर छिपकलियों को चोरी-छिपे चीन भेजने वाले थे।

नपुंसकता से लेकर कैंसर तक के इलाज में होता उपयोग

‘गीको’ एक दुर्लभ छिपकली है, जो ‘टॉक-के’ जैसी आवाज़ निकालने के कारण ‘टोको’ भी कही जाती है। इसके मांस से नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाएं बनाई जाती हैं। इसका इस्तेमाल मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। खासकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इसकी बेहद मांग है। चीन में भी चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में इसका उपयोग किया जाता है।

करोड़ों में बिकतीं ये है छिपकलियां

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऐसी एक छिपकली की कीमत एक करोड़ रुपये तक है। यह छिपकली दक्षिण-पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती है। जंगलों की निरंतर कटाई होने की वजह से यह ख़त्म होती जा रही है। बुधवार को बरामद तीन छिपकलियाें की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में ढ़ाई करोड़ से अधिक बताई जा रही है।

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