CBI ने जिला उन्नाव (U.P.) में हुई घटना के मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आज एक सब-इंस्पेक्टर (तत्कालीन), पुलिस थाना-माखी, जिला-उन्नाव (उत्तर प्रदेश) सहित 10 आरोपियों के खिलाफ सक्षम न्यायालय से पहले आरोपपत्र दायर किया; एक अन्य उप निरीक्षक और एक कांस्टेबल ने कहा कि पुलिस थाने; एक विधायक और अन्य व्यक्ति यू / एस 120-बी आर / डब्ल्यू 166, 167, 193, 201, आईपीसी के 218 और शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25 और उसके मूल अपराध है ।

CBI ने भारत सरकार से उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर 12 अप्रैल, 2018 को एक मामला दर्ज किया था और अपराध संख्या 0089/2018 U/S 323, 504, 506 की आईपीसी और आर्म्स ऐक्ट की धारा 3 एवं 25 की जांच पर कार्रवाई की ।, इससे पहले पुलिस थाना-माखी, जिला उन्नाव (उत्तर प्रदेश) में एक शिकायत पर यह आरोप लगाया कि एक निजी व्यक्ति (मृतक के बाद से), गांव-माखी के निवासी, जिला-उन्नाव ने अपने सहयोगियों की मदद से शिकायतकर्ता को पकड़ा था जबकि वह धमकी दे रहा था एक देश बनाया पिस्तौल चमकती द्वारा, बाबूखेड़ा त्रिकोणीय जंक्शन के पास और कहा कि निजी व्यक्ति को इस प्रक्रिया के दौरान चोटों का सामना करना पड़ा ।बताया जाता है कि निजी व्यक्ति (मृतक के बाद से) को पुलिस ने उसी दिन गिरफ्तार कर लिया और 04.04.2018 पर जिला जेल, उन्नाव में न्यायिक हिरासत में भेज दिया ।उसे उपचार के लिए 08.04.2018 पर जिला अस्पताल, उन्नाव में भर्ती कराया गया जहां वह 09.04.2018 पर चोटों का शिकार हुआ ।

आगे की जांच यू / एस 173 (8) सीआरपीसी जारी है ।

जनता को याद दिलाया जाता है कि उपर्युक्त निष्कर्ष सीबीआई द्वारा किए गए जांच और उसके द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य पर आधारित हैं। भारतीय कानून के तहत, अभियुक्तों को निर्दोष माना जाता है जब तक कि उनके अपराध को निष्पक्ष परीक्षण के बाद स्थापित नहीं किया जाता है।

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