Bareilly News : दरगाह आलिया मोहम्मदिया में तरहई नातिया मुशायरा

प्रोग्राम का बाद नमाज़ इशा 9 बजे आगाज़ हाफ़िज़ मोहम्मद हसन ने तिलावते कलाम ए पाक से किया, उस्ताद ए शोअरा निशात अर्शी ने “नूरे सरवर ए आलम दिल में जो बसायेंगे,
अपनी ज़िन्दगी को वो कहकशा बनायेन्गे” यह शेर पढ़कर मुशायरॆ कि शुरुआत की, दरगाह वली मियाँ के सज्जादा नशी अल्हाज अनवर मियाँ हुज़ूर ने 1.”शहर ए बरेली को तो हम मिस्ले दुल्हन सजायेन्गे, फ़िज़ा भी गुन्गुनायेन्गी तारे भी जगमगायेन्गे”. 2. “आका की सुन्नतों पे ग़र चलते रहें जो दाएमन, अपना विक़ार फ़िर से हम फ़ज़्ले खुदा से पायेन्गे” यह अशार पढ़ॆ तो महफ़िल नारो से गूंज उठी. मुशायरा कॆ दौरान शोअरा हज़रात को दाद पे दाद मिलती रही और शोअरा हज़रात मिसरा तरहा पर कलाम पढ़ते रहे. चाहत फ़िरोज़ाबादी ने ” हम न होके जायेंगे अब किसी की चौखट पर, बस उन्ही की चौखट पर आशीयां बनायेन्गे” शेर पढ़कर वाह वाह लूटी. शाद पीलीभीती ने “लिखे हैं पन्जतन के नामे नामी मेरी कश्ती पर, यह तूफ़ां यह तूफ़ां नफ़रतो के मेरी कश्ती क्या डुबायेन्गे” पढ़ा. असरार नसीमी ने “जो बहाए है आक़ा तुम ने उम्मत में, अश्क वह जहन्नम की आग से बुझायेन्गे” ने पढ़ा. मुज़म्मिल सम्भली ने “आशिकाने आक़ा से जिन्को खास उल्फ़त है, मोमिनो जहन्नम की आंच तक न पायेन्गे” पढ़ा. हिलाल बदायूनी ने “छोड़कर दरे अक़दस हम कही नहीं जायेन्गे,जिन्के दर का खाते हैं उनके गीत गायेन्गे” पढ़ा. इज़हार शाहबादी “दिल की तो यह हसरत है हम भी तैबा जायेंगे,आगे उन्की मर्ज़ी है देखो कब बुलायेन्गे” के इस अशार पर दाद मिली. आसिम काशिपुरी ने “महशर के रोज़ सामने मन्ज़र भी ऐसे आयेंगे,कुछ लोग मुंह छुपायेन्गे कुछ लोग मुस्कुरायेन्गे” पढ़ा. डा. ज़ाहिद उल्लाह ने “उड़ के एक न एक दिन हम मदीने जायेन्गी, गुलसिताने तैबा में आशीयां बनायेन्गे” ने पढ़ा. नवाब अख्तर मोहन्पुरी ने ” आमद पे उन्की घर पे हम घी के दिये जलायेन्गे,जब तक रहेगी ज़िन्दगी जश्ने नबी मनायेन्गे” पढ़ा. डा. काशिफ़ ने “दुनिया के ग़म हमारा दिल जब भी कभी दिखायेन्गे, आक़ा को याद कर के ग़म मे भी मुस्कुरायेन्गे” पढ़ा. हाजी सईद ने “हम गुलाम ए अहमद हैं जो हमे सजायेन्गे, देखना सरे महशर के सज़ा भी पायेन्गे” पढ़ा. गुल मोहम्मद क़दीरी ने “क्यों किसी के गुन गाये क्यों किसी के हो जायें,जिन्के दर का खाते हैं उनके गीत गायेन्गे” पढ़ा. मुशायरॆ में काशिपुर, शाहजहाँपुर, मुरादाबाद, लखनऊ, कुण्डा, इलाहाबाद, मुंबई, देहली, आदि जगह के ज़ायरीन ने भी शिरकत की. मुशायरा के प्रोग्राम के बाद फ़ातिहा व सलात ओ सलाम हुआ और सज्जादा नशी अल्हाज अनवर मियाँ हुज़ूर ने मुल्क में अम्न व चैन और अवाम कि तरक्की व खुशहाली के लिए दुआ ए खैर की. इस मौके पर इफ़्तेखार हुसैन, इरशाद, क़ासिम, तौकीर, वसीम, ज़ीशान, ताहिर जमाल, गुड्डू ड्रीम्ज़, तलहा शेख, ज़ीशान, रिज़वान,इमरान, मोहसिन खान, अननू,आरिफ़ उल्लाह, मो. उस्मान, हाजी पप्पू,शाकिर, आदि मौजूद रहे. सय्यद नाज़िर अली(चाँद)

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