एनएचआरसी 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस मनाएगा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) 10 दिसंबर, 2017 को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर यहां एक समारोह आयोजित कर रहा है। उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह को संबोधित करेंगे। एनएचआरसी के अध्यक्ष और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू भी समारोह को संबोधित करेंगे।
मानवाधिकार दिवस हर वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के अवसर पर मनाया जाता है। इस घोषणा को विश्व भर में मानवाधिकारों की रक्षा के मानक के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में अपनाया और उसे मान्यता दी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस अवसर पर मानवाधिकारों पर देश भर की लघु फिल्मों के लिए पुरस्कार प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है। मानवाधिकारों पर सर्वश्रेष्ठ तीन लघु फिल्मों को क्रमश: एक लाख रूपये, 75,000 रूपये और 50,000 रूपये के पुरस्कार के साथ ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे। इस अवसर पर एनएचआरसी के कुछ प्रकाशनों का भी विमोचन किया जाएगा।
इसके अलावा पुरस्कार विजेता बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग की समारोह स्थल पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें चित्रों के माध्यम से आयोग की लंबी यात्रा और मानवाधिकारों के संरक्षण और उन्हें बढ़ावा देने संबंधी उसके क्रियाकलापों की जानकारी देखने को मिलेगी।
आयोग 12 अक्टूबर, 1993 को अस्तित्व में आने के बाद से पिछले 24 वर्षों के दौरान मानवाधिकारों की संस्कृति को बढ़ावा देने में लगा है। दुनिया के अधिकतर मानवाधिकार संस्थानों की तरह एनएचआरसी संसद द्वारा पारित मानवाधिकार संरक्षण कानून के अनुसार एक संस्तुतिपरक संगठन है।
मानवाधिकार उल्लंघनों की शिकायतों को देखने के अलावा आयोग के कार्यों में संविधान अथवा किसी अन्य कानून के अंतर्गत प्रदत्त सुरक्षा की समीक्षा करना, अंतर्राष्ट्रीय घोषणा पत्रों के प्रभावी कार्यान्वयन की सिफारिश करना, मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों पर अनुसंधान,सेमिनार और चर्चाएं आयोजित करना, मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना तथा मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों को प्रोत्साहित करना है।
आयोग देश के विभिन्न भागों में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायतों की सुनवाई करने और लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए शिविर आयोजित करता रहता है। आयोग मानवाधिकारों से जुड़े विभिन्न उपायों तथा कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने का आकलन करने के लिए राज्यवार विभिन्न जिलों का दौरा करता रहता है ताकि सरकार को सिफारिशें दी जा सकें जो सुशासन के लिए दृढ़ संकल्प है।
आयोग ने बंधुआ मजदूरों और बाल श्रम, जेल सुधारों, स्वास्थ्य के अधिकार, खाद्यान्न के अधिकार, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल, दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार, सिलीकोसिस, अवैध क्लीनिकल ट्रायल, खाद्य वस्तुओं में कीटनाशक दवाओं, दवाओं के मूल्य, कॉरपोरेट-सामाजिक दायित्व, मैला ढोना और स्वच्छता, महिलाओं के मानवाधिकारों जैसे प्रमुख मुद्दों पर अनेक बार हस्तक्षेप किया है।
मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने और अपने क्रियाकलापों की जानकारी देने के लिए आयोग हिन्दी और अंग्रेजी में मासिक न्यूज लेटर का प्रकाशन करने सहित 80 से अधिक पुस्तकें और पत्रिकाएं प्रकाशित कर चुका है। केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा अनेक संगठन, मानवाधिकारों की वकालत करने वाले एनजीओ और मीडिया, एनएचआरसी के कार्यों को समर्थन दे रहा है।