भारतीय स्टेट बैंक के करीब 15 हजार खाताधारक अपने खातों में से अपना ही पैसा नहीं निकाल पा रहे

बैंक से अपना ही पैसा नहीं निकाल पा रहे 15 हजार खाताधारक,

ग्वालियर। भारतीय स्टेट बैंक के करीब 15 हजार खाताधारक अपने खातों में आने वाली विभिन्न योजनाओं का पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। बैंक ने केवाईसी के नाम पर विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आने वाले हितग्राहियों के खाते होल्ड कर दिए है। इन खातेधारकों से बैंक ने आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत विभिन्न दस्तावेज जमा करने के लिए कहा था और इन खाताधारकों ने दस्तावेज भी जमा कर दिए लेकिन एक साल से इन दस्तावेजों की बैंक प्रबंधन जांच नहीं कर पा रहा है। ऐसे में जीरो बैलेंस पर खाता खुलवाने वाले खाताधारक विभिन्न योजनाओं का उनके खाते में आने वाला पैसा तक नहीं निकाल पा रहे हैं।

इन खाताधारकों की संख्या हजारों में हैं। बुधवार को एक दर्जन खाता धारक एसडीएम अशोक सिंह के पास फरियाद लेकर पहुंचे। विकासखंड के अंतर्गत आने वाले विभिन्न ग्राम पंचायतों एवं नगरीय क्षेत्र के तमाम खाता धारकों के बैंक द्वारा ग्राहक सेवा केन्द्र के जरिए खाते खुलवाए गए हैं। नगर में करीब एक दर्जन ग्राहक सेवा केन्द्र संचालित हो रही हैं। इन ग्राहक सेवा केन्द्रों में करीब 10000 से अधिक खाताधारक हैं। इनमें से 8 हजार खाताधारक ग्राहक सेवा केन्द्र के व 7000 हजार खाता धारक बैंक के कुल 15000 खाता धारकों के खाते बैंक ने होल्ड किए हंै।

बुजुर्ग पेंशन, छात्रवृत्ति, मजदूरी कार्डधारक हैं जिनका बैंक में जीरो बैलेंस पर खाता ग्राहक सेवा केन्द्र ने खोला है। करीब एक साल पूर्व इन खाताधारकों से बैंक के निर्देश पर ग्राहक सेवा केन्द्र ने आईडी के नाम पर आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज जमा कराए थे ताकि खाते की सही जांच हो सके। इसी के साथ ही बैंक ने इन खाताधारकों के खाते होल्ड कर दिए हैं। एक साल से इन खाताधारकों की दस्तावेजों की जांच बैंक नहीं कर पाया है। ऐसी स्थिति में इन खाताधारकों के खाते में लगातार बुजुर्ग पेंशन की राशि, छात्रवृत्ति की राशि व मजदूरी की राशि आ रही है लेकिन इन खाताधारकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

खाता होल्ड होने से ये खाताधारक अपनी राशि नहीं निकाल पा रहे है। ऐसी स्थिति में कई उपभोक्ता ओं में बैंक प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी व्याप्त है। जो कभी भी आंदोलन के रूप में सामने आ सकता है। खाताधारकों ने ग्राहक सेवा केन्द्र में खाते खुलवाए थे वे अब ग्राहक सेवा केन्द्रों पर जाकर अपनी राशि निकालने के लिए ग्राहक सेवा केन्द्र संचालक से बहस करते हैं और कई बार तो विवाद की स्थिति बनती है। बैंक प्रबंधन की लापरवाही की वजह से आज क्षेत्र में कईहितग्राही शासन की योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो रही हैं।

खाताधारकों को हो रही है परेशानी
बुजुर्ग पन्नालाल साहू ग्राम पंचायत मस्तूरा का कहना है कि आठ महीने से मेरा खाता बंद है। वृद्धावस्था की पेंशन मेरे खाते में आ रही है लेकिन खाता बंद होने से मैं पेंशन नहीं निकाल पा रहा हूं। बैंक में ग्राहक सेवा केन्द्र के कहने पर मैंने चक्कर लगाए और कागज जमा करा लिए लेकिन फिर भी मेरा खाता नहीं खोला गया। छात्र मनमोहन पवैया वार्ड क्रमांक 2 भितरवार का कहना है कि मेरा खाता एक साल से होल्ड है। जो दस्तावेज मंगाए थे वे मैंने जमा कर दिए हैं।

मैं बैंक और ग्राहक सेवा केन्द्र का चक्कर लगा रहा हूं मुझसे कहा जाता है कि कागजों की जांच हो रही है। मेरी छात्रवृत्तिकी राशि मुझे नहीं मिल पा रही है। मंजेश सेन निवासी ग्राम सिंघारन का कहना है कि मैं दे महीने से बैंक के चक्कर लगा रही हूं लेकिन बैंक सुनवाई नहीं कर रहा है। मैं पैसे निकालने के लिए परेशान हो रही हूं।

“उपभोक्ताओं से मांगे गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जांच के दौरान कुछ उपभोक्ताओं के दस्तावेजों में कमियां आ रही है। बैंक द्वारा खाते बंद नहीं किए गए हैं ऊपर से होल्ड किए गए हैं। जांच के बाद ही शुरू होंगे।”
सतीश पाल,प्रभारी शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक भितरवार

“बैंक प्रबंधक को कल बुलाया गया है। उनसे सभी होल्ड खातों के बारे में जानकारी ली जाएगी। क्या कमियां है उसे दूर करने के लिए निर्देशित किया जाएगा।”
अशोक सिंह चौहान,एसडीएम

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