एक बेटी ने कुछ इस तरह से चुकाया पिता का कर्ज़, एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में नवजोत ने जीता स्वर्ण पदक
किर्गिस्तान के बिश्केक में शुक्रवार को एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में भारतीय महिला पहलवान नवजोत कौर ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। नवजोत ने 65 किलोग्राम भार(वर्ग) में जापान की मिया इमाई को एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में पटखनी दी।
इसके साथ ही नवजोत कौर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान भी बन गईं ।
इसके अलावा शुक्रवार को ही भारत के खाते में एक और मेडल आया, जब रियो ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडल विजेता साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
साक्षी ने 62 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में कजाकिस्तान की अयौलम केसीमोवा को 10 -7 से हराया। इन दो मेडलों के साथ इस चैंपियनशिप में भारत के मेडलों की संख्या 6 हो गई है, जिसमें 1 गोल्ड, 1 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।
पंजाब की रहने वाली नवजोत कौर ने स्वदेश लौटने पर एक अखबार को दिए इंटरव्यू में अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए और अपने करियर में परिवार के योगदान के बारे में बताते हुए कहा कि मैं एक मध्यवर्गीय किसान परिवार से हूं। पिता सरदार सुखचैन सिंह ने कर्जा लेकर मुझे पहलवान बनाया। वो चाहते थे कि मैं देश का नाम रोशन करूं। मेरा छोटा भाई बीए कर रहा था। लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से पिता के लिए हम दोनों का खर्च वहन करना मुश्किल था। यही नहीं मेरे करियर के लिए छोटे भाई को भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। भाई का यह त्याग मुझे हमेशा याद रहेगा।
इसके आगे नवजोत ने आगे बताया कि उन्हें केवल अपने हौसले पर भरोसा था , कि वो एक दिन पिता का सपना जरूर पूरा करूगीं। नवजोत ने पंजाब सरकार से कोई भी मदद नहीं देने का भी आरोप लगाया । लेकिन रेलवे ने नवजोत कौर को 2014 में फिरोजपुर डिविजन में सीनियर क्लर्क पर नियुक्त किया । जिसके बाद हमारे घर के हालात कुछ बदले ।
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने की उपलब्धि पर नवजोत को रेलवे की ओर से दो-दो वेतन वृद्धि देने का फैसला किया गया है।
इसके अलावा सुखबीर सिंह ने पंजाब सरकार से नवजोत की उपलब्धि को सराहाते हुए पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद पर नियुक्त करने की अपील की है ।