हस्तशिल्प उत्पादन की तकनीक को साझा करने के लिए एक उच्च स्तरीय शिष्ठ मंडल का कंबोडिया दौरा

हस्तशिल्प उत्पादन की तकनीक को साझा करने के लिए एक उच्च स्तरीय शिष्ठ मंडल का कंबोडिया दौरा


नई दिल्ली – 17 मई, 2019- हस्तशिल्प उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने में तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. ज्यादातर हस्तशिल्प निर्यातक, उद्यमी पारंपरिक कौशल और शिल्प कौशल के साथ थोड़ा बहुत तकनीक का उपयोग करते हैं, ताकि भारतीय हस्तशिल्प के कारीगरों की उस आंतरिक शक्ति को बरकरार रखा जाए जो उत्पादों पर दिखती है. ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने सूचित किया कि चीन, वियतनाम, कंबोडिया, फिलिपींस और अन्य प्रमुख प्रतिस्पर्धी देश हाउसवेयर, गिफ्ट्स और डेकोरेटिव उत्पाद बनाने वाली मशीनों का निर्माण कर रहे हैं और ऐसा करके अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में भी सक्षम हो रहे हैं.
हस्तशिल्प विकास आयुक्त श्री शांतमनु (आईएएस) के नेतृत्व में मुरादाबाद, आगरा, खुर्जा, दिल्ली और पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रमुख निर्यातकों के साथ एक उच्च स्तरीय शिष्ट मंडल, नए उत्पाद विकसित करने, बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने और देश में बड़े स्तर पर उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न डिजाइन संस्थानों, व्यापार निकायों (ट्रेड बॉडी) की विभिन्न तकनीकों का अध्ययन करने के लिए कंबोडिया का दौरा कर रहा है.
इस शिष्ट मंडल की यात्रा का उद्देश्य कंबोडिया में गिफ्ट, डेकोरेटिव्स, क्राफ्ट्स, फर्नीचर इत्यादि के कारीगरों और निर्यातकों को उत्पाद विकास, उत्पादन के बुनियादी ढांचे, डिजाइन संस्थानों और अन्य संस्थागत सपोर्ट की विभिन्न तकनीकों को समझने के साथ ही भविष्य में संयुक्त भागीदारी (जॉइंट वेंचर) का पता लगाना और एक दूसरे की ताकत को बढ़ाना है.

यह शिष्ट मंडल सिरामिक, प्राकृतिक फाइबर उत्पादों (केन, बांस, रतन, घास, पाम फाइबर, जल कुंभी इत्यादि) उत्पादन से संबंधित कारखानों/इकाइयों का दौरा करेगी.
ईपीसीएच के शिष्ट मंडल ने हस्तशिल्प विकास आयुक्त श्री शांतमनु, निदेशक श्री आरके वर्मा के साथ कंबोडिया उद्योग और हस्तशिल्प मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्री माननीय श्री चाम प्रसिद्ध से मुलाकात की इसमें अन्य प्रमुख निर्यातक सदस्य सुश्री जेस्मिना जेलियांग, श्री नवीद उर-रहमान, श्री एसपी दादू, श्री सुभाष चंद्र वर्मा, श्री भास्कर शर्मा और श्री नरेंद्र बोहरा शामिल है. .
शिष्ट मंडल ने कंबोडिया में भारतीय राजदूत माननीय सुश्री मणिका जैन से मुलाकात कर आगे के रास्ते पर चर्चा की. उन्होंने विभिन्न शिल्प समूहों का दौरा करके कंबोडिया के उत्पादकों द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पादों रेंज को भी देखा.
ईपीसीएच के डीजी श्री राकेश कुमार ने कहा, कंबोडिया में उच्च स्तरीय शिष्ट मंडल के दौरे से कंबोडिया में इस्तेमाल की जा रही तकनीकों के साथ हस्तशिल्प के उत्पादन में तकनीक का उपयोग शुरू करने के लिए हस्तशिल्प निर्यात समुदाय को प्रेरित करने में मदद मिलेगी और इसके परिणामस्वरूप विश्व बाजार में प्रचलित मानकों के अनुरूप भारतीय हस्तशिल्प की गुणवत्ता में इजाफा होगा.
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विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें:
श्री राकेश कुमार, डीजी, ईपीसीएच

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